तोरई -
तोरई से हम सब अच्छी तरह से परिचित हैं| यह एक प्रकार की सब्जी है और इसकी खेती भारत में सभी स्थानों पर की जाती है | इसकी प्रकृति ठंडी व तर होती है | ग्रीष्म और वर्षा ऋतू में तोरई की सब्जी का प्रयोग में अधिक किया जाता है |
विभिन्न रोगों का तोरई से उपचार -
१- तोरई के टुकड़ों को छाया में सुखाकर कूट लें | इसके बाद इन टुकड़ों को नारियल के तेल में चार दिन तक डालकर रखें | फिर इसे उबालें और छानकर बोतल में भर लें | इस तेल से सिर की मालिश करने से बाल काले हो जाते हैं |
२- तोरई के पत्तों को पीस लें | यह लेप कुष्ठ पर लगाने से लाभ मिलता है |
३- तोरई की सब्जी के सेवन से कब्ज दूर होती है और बवासीर में आराम मिलता है |
४- तोरई पेशाब की जलन और पेशाब की बिमारी दूर करने में लाभकारी है |
५- तोरई की जड़ को ठन्डे पानी में घिसकर फोड़े की गाँठ पर लगाने से जल्दी ही गाँठ ख़त्म होने लगती है |
६- तोरई के सेवन से घुटनों के दर्द में आराम मिलता है |
तोरई से हम सब अच्छी तरह से परिचित हैं| यह एक प्रकार की सब्जी है और इसकी खेती भारत में सभी स्थानों पर की जाती है | इसकी प्रकृति ठंडी व तर होती है | ग्रीष्म और वर्षा ऋतू में तोरई की सब्जी का प्रयोग में अधिक किया जाता है |
विभिन्न रोगों का तोरई से उपचार -
१- तोरई के टुकड़ों को छाया में सुखाकर कूट लें | इसके बाद इन टुकड़ों को नारियल के तेल में चार दिन तक डालकर रखें | फिर इसे उबालें और छानकर बोतल में भर लें | इस तेल से सिर की मालिश करने से बाल काले हो जाते हैं |
२- तोरई के पत्तों को पीस लें | यह लेप कुष्ठ पर लगाने से लाभ मिलता है |
३- तोरई की सब्जी के सेवन से कब्ज दूर होती है और बवासीर में आराम मिलता है |
४- तोरई पेशाब की जलन और पेशाब की बिमारी दूर करने में लाभकारी है |
५- तोरई की जड़ को ठन्डे पानी में घिसकर फोड़े की गाँठ पर लगाने से जल्दी ही गाँठ ख़त्म होने लगती है |
६- तोरई के सेवन से घुटनों के दर्द में आराम मिलता है |
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