Thursday, April 3, 2014

बेर

 
Photo: बेर पौष्टिक फल है इसे गरीबों का फल भी कहा जाता है यह बहुत ज्यादा तापमान या बहुत सूखे क्षेत्रों में बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है भारत में लगभग इसकी ४० प्रजातियाँ पाई जाती है बेर का पेड़ ७.१२ मीटर लम्बा होता है तथा उसका तना ३० से.मी.चौड़ा, शाखाएँ झुकी हुई, तेजी से बढ़ने वाला है इसकी उम्र लगभग २५ साल की होती बेर का रंग पिला, हरा, लाल, बैंगनी और गहरा कत्थई व आकार में गोल अंडाकार होता है पका हुआ बेर बहुत मीठा ज्युसी व नरम रहता है एक साल में पेड़ से ५०-२५० की.ग्रा.बेर तक प्राप्त होते है ।

बेर बीमारियाँ ठीक करने में अत्यंत उपयोगी :-

    त्वचा पर कट या घाव होने पर फल का गूदा घिसकर लगाने से कटा हुआ स्थान जल्दी ठीक होता है ।

    फैंफडे सम्बन्धी बिमारियों या बुखार ठीक करने के लिए इसका ज्यूस अत्यंत गुणकारी है बेर को नमक और काली मिर्च के साथ खाने से अपच की समस्या दूर होती है ।

    सूखे हुए बेर को खाने से कब्जियत दूर होती है ।

    बेर को छांछ के साथ लेने से भी घबराना, उलटी होना, व पेट दर्द की समस्या ख़त्म हो जाती है ।

    इसकी पत्तियां तेल के साथ पुल्टिस बनाकर लगाने से लीवर सम्बन्धी समस्या आस्थामाँ या मसूड़ों के घाव को भरने में मदद मिलती है ।

    बेर की जड़ों का ज्यूस थोड़ी सी मात्रा में पीने से गठिया एवं वात जैसी बिमारियों को भी कम करता है बेर शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक व स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ-साथ आम आदमी की पहुँच में है हर वर्ग का व्यक्ति इसे आसानी से उपयोग में ले सकता है पर इतना जरुर ध्यान रखें की बेर को ३-४ बार अच्छे पानी से धोकर ही खाएं ।

बेर के लाभ :-

    शक्कर , विटामिन सी, फास्फोरस व कैल्सियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है ।

    बेर की पत्तियों में ६१ आवश्यक प्रोटीन पाए जाने के साथ विटामिन सी केरित लाइड और बी काम्प्लेक्स भी अधिक मात्रा में पाए जाते है ।

    बेर को पकाकर बैककर व उबालकर चावल या अन्य अनाजों के साथ चटनी बनाकर खाई जाती है ।

    इसमें जैम , टाफी , आचार आदि भी बनाए जा सकते है ।

    तना बहुत मजबूत होने के कारण इसकी नाव , औजार घर के खम्बे , खिलौने आदि बनाए जाते है ।

यह पित्त और बलगम को ख़त्म करता है .

बेर के गुदे को आँखों में लगाने से आँखों के रोग समाप्त होते है .

इसकी छाल का लेप करने से चेचक के दाने ख़त्म हो जाते है .

 

बेर में पाए जाने वाले पौष्टीक तत्व इस प्रकार है :-

    कार्बोज २०-३० जी एम्

    प्रोटीन २.५ जी एम्

    वसा ०.०७ जी एम्

    थाइमन ०.०२ एमजी

    रायबोफ्लेबिन ०.०३ एम् जी

    कैल्शियम २५.६ एम् जी

    आयरन १.५-१.८ एम् जी फस फोर्स २६.८ एम् जीबेर पौष्टिक फल है इसे गरीबों का फल भी कहा जाता है यह बहुत ज्यादा तापमान या बहुत सूखे क्षेत्रों में बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है भारत में लगभग इसकी ४० प्रजातियाँ पाई जाती है बेर का पेड़ ७.१२ मीटर लम्बा होता है तथा उसका तना ३० से.मी.चौड़ा, शाखाएँ झुकी हुई, तेजी से बढ़ने वाला है इसकी उम्र लगभग २५ साल की होती बेर का रंग पिला, हरा, लाल, बैंगनी और गहरा कत्थई व आकार में गोल अंडाकार होता है पका हुआ बेर बहुत मीठा ज्युसी व नरम रहता है एक साल में पेड़ से ५०-२५० की.ग्रा.बेर तक प्र...ाप्त होते है ।

बेर बीमारियाँ ठीक करने में अत्यंत उपयोगी :-

त्वचा पर कट या घाव होने पर फल का गूदा घिसकर लगाने से कटा हुआ स्थान जल्दी ठीक होता है ।

फैंफडे सम्बन्धी बिमारियों या बुखार ठीक करने के लिए इसका ज्यूस अत्यंत गुणकारी है बेर को नमक और काली मिर्च के साथ खाने से अपच की समस्या दूर होती है ।

सूखे हुए बेर को खाने से कब्जियत दूर होती है ।

बेर को छांछ के साथ लेने से भी घबराना, उलटी होना, व पेट दर्द की समस्या ख़त्म हो जाती है ।

इसकी पत्तियां तेल के साथ पुल्टिस बनाकर लगाने से लीवर सम्बन्धी समस्या आस्थामाँ या मसूड़ों के घाव को भरने में मदद मिलती है ।

बेर की जड़ों का ज्यूस थोड़ी सी मात्रा में पीने से गठिया एवं वात जैसी बिमारियों को भी कम करता है बेर शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक व स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ-साथ आम आदमी की पहुँच में है हर वर्ग का व्यक्ति इसे आसानी से उपयोग में ले सकता है पर इतना जरुर ध्यान रखें की बेर को ३-४ बार अच्छे पानी से धोकर ही खाएं ।

बेर के लाभ :-

शक्कर , विटामिन सी, फास्फोरस व कैल्सियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है ।

बेर की पत्तियों में ६१ आवश्यक प्रोटीन पाए जाने के साथ विटामिन सी केरित लाइड और बी काम्प्लेक्स भी अधिक मात्रा में पाए जाते है ।

बेर को पकाकर बैककर व उबालकर चावल या अन्य अनाजों के साथ चटनी बनाकर खाई जाती है ।

इसमें जैम , टाफी , आचार आदि भी बनाए जा सकते है ।

तना बहुत मजबूत होने के कारण इसकी नाव , औजार घर के खम्बे , खिलौने आदि बनाए जाते है ।

यह पित्त और बलगम को ख़त्म करता है .

बेर के गुदे को आँखों में लगाने से आँखों के रोग समाप्त होते है .

इसकी छाल का लेप करने से चेचक के दाने ख़त्म हो जाते है .



बेर में पाए जाने वाले पौष्टीक तत्व इस प्रकार है :-

कार्बोज २०-३० जी एम्

प्रोटीन २.५ जी एम्

वसा ०.०७ जी एम्

थाइमन ०.०२ एमजी

रायबोफ्लेबिन ०.०३ एम् जी

कैल्शियम २५.६ एम् जी

आयरन १.५-१.८ एम् जी फस फोर्स २६.८ एम्

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