वास्तु शुद्धिके सरल उपाय :
शुभ वास्तु के लिए फेंग शुई आदि विदेशी उपाय अपनाने के बजाये स्वदेशी उपाय आजमाए . चाइनीज़ लोग स्वयं तामसिक आहार जैसे कीड़े मकोड़े , कुत्ते , घोड़े सब खाते है . तो वे वास्तु शुद्धि के सात्विक उपाय कैसे दे सकते है ? वे अक्सर महंगे होते है और इनसे लाभ कितना मिलता है ये भी संदेहास्पद है . इसलिए ये स्वदेशी , सस्ते और टिकाऊ उपाय आजमाए .
१. घरमें तुलसीके पौधे लगायें |
२. घर एवं आसपासके परिसरको स्वच्छ रखें |
३. घरमें नियमित गौ मूत्र का छिड़काव करें | पतं...जलि के फीनाइल में गोमूत्र भी है उसका इस्तेमाल किया जा सकता है |
४. घरके अंदर सप्ताहमें दो दिन कच्चे नीम पत्तीकी धूनी जलाएं |
५. घरमें कंडेको प्रज्ज्वलित कर धुना एवं लोबानसे धूप दिखाएँ | आसाराम बापू जी के ऋषि प्रसाद नामक दुकानों में जो धुप मिलती है वह गाय के गोबर से निर्मित है उसकी सुगंध अद्भुत है | पतंजलि की अगरबत्ती यज्ञ सुगंध भी यज्ञ सामग्री से निर्मित है |
६. घरके चारों दीवार पर वास्तु शुद्धिकी सात्त्विक नामजप की पट्टियाँ लगाएँ |
७. संतोंके भजन, स्त्रोत्र पठन या सात्त्विक नामजपकी ध्वनि चक्रिका (C.D) चलायें |
८. घरमें मृत पितरके चित्र अपनी दृष्टिके सामने न रखें |
९. घरमें कलह-क्लेश टालें, वास्तु देवता “तथास्तु” कहते रहते हैं अतः क्लेश से कष्ट और बढ़ता है एवं धन का नाश होता है |
१० घर में सत्संग प्रवचनका आयोजन करें | अतिरिक्त स्थान घर में हो, तो धर्म-कार्य हेतु या साप्ताहिक सत्संग हेतु, उस स्थानको किसी संत या गुरु के कार्य हेतु अर्पण करें |
११. संतोंके चरण घरमें पड़ने से, घरकी वास्तु १०% तक शुद्ध हो जाती है अतः संतो के आगमन हेतु अपनी अपनी भक्ति बढ़ाएं |
१२. प्रसन्न एवं संतुष्ट रहें, घर के सदस्यों के मात्र प्रसन्नचित्त रहने से घरकी ३०% तक वास्तु की शुद्धि हो जाती है |
१३॰ घरमें अधिक से अधिक समय, सभी कार्य करते हुए नामजप , स्तोत्र आदि का पाठ करें |
१४. सुबह और संध्या समय घरके सभी सदस्य मिलकर पूजा स्थलपर आरती करें |
१५. घर के पर्दे, दीवार, चादर इत्यादिके रंग काले, बैंगनी या गहरे रंगके न हों यह ध्यान रखें |
शुभ वास्तु के लिए फेंग शुई आदि विदेशी उपाय अपनाने के बजाये स्वदेशी उपाय आजमाए . चाइनीज़ लोग स्वयं तामसिक आहार जैसे कीड़े मकोड़े , कुत्ते , घोड़े सब खाते है . तो वे वास्तु शुद्धि के सात्विक उपाय कैसे दे सकते है ? वे अक्सर महंगे होते है और इनसे लाभ कितना मिलता है ये भी संदेहास्पद है . इसलिए ये स्वदेशी , सस्ते और टिकाऊ उपाय आजमाए .
१. घरमें तुलसीके पौधे लगायें |
२. घर एवं आसपासके परिसरको स्वच्छ रखें |
३. घरमें नियमित गौ मूत्र का छिड़काव करें | पतं...जलि के फीनाइल में गोमूत्र भी है उसका इस्तेमाल किया जा सकता है |
४. घरके अंदर सप्ताहमें दो दिन कच्चे नीम पत्तीकी धूनी जलाएं |
५. घरमें कंडेको प्रज्ज्वलित कर धुना एवं लोबानसे धूप दिखाएँ | आसाराम बापू जी के ऋषि प्रसाद नामक दुकानों में जो धुप मिलती है वह गाय के गोबर से निर्मित है उसकी सुगंध अद्भुत है | पतंजलि की अगरबत्ती यज्ञ सुगंध भी यज्ञ सामग्री से निर्मित है |
६. घरके चारों दीवार पर वास्तु शुद्धिकी सात्त्विक नामजप की पट्टियाँ लगाएँ |
७. संतोंके भजन, स्त्रोत्र पठन या सात्त्विक नामजपकी ध्वनि चक्रिका (C.D) चलायें |
८. घरमें मृत पितरके चित्र अपनी दृष्टिके सामने न रखें |
९. घरमें कलह-क्लेश टालें, वास्तु देवता “तथास्तु” कहते रहते हैं अतः क्लेश से कष्ट और बढ़ता है एवं धन का नाश होता है |
१० घर में सत्संग प्रवचनका आयोजन करें | अतिरिक्त स्थान घर में हो, तो धर्म-कार्य हेतु या साप्ताहिक सत्संग हेतु, उस स्थानको किसी संत या गुरु के कार्य हेतु अर्पण करें |
११. संतोंके चरण घरमें पड़ने से, घरकी वास्तु १०% तक शुद्ध हो जाती है अतः संतो के आगमन हेतु अपनी अपनी भक्ति बढ़ाएं |
१२. प्रसन्न एवं संतुष्ट रहें, घर के सदस्यों के मात्र प्रसन्नचित्त रहने से घरकी ३०% तक वास्तु की शुद्धि हो जाती है |
१३॰ घरमें अधिक से अधिक समय, सभी कार्य करते हुए नामजप , स्तोत्र आदि का पाठ करें |
१४. सुबह और संध्या समय घरके सभी सदस्य मिलकर पूजा स्थलपर आरती करें |
१५. घर के पर्दे, दीवार, चादर इत्यादिके रंग काले, बैंगनी या गहरे रंगके न हों यह ध्यान रखें |
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