अपामार्ग
इसे अघाडा ,लटजीरा या चिरचिटा भी कहा जाता है .
- इसकी दातून करने से दांत १०० वर्ष तक मज़बूत रहते है . इसके पत्ते... चबाने से दांत दर्द में राहत मिलती है और गुहा भी धीरे धीरे भर जाती है .
- इसके बीजों का चूर्ण सूंघने से आधा सीसी में लाभ होता है . इससे मस्तिष्क में जमा हुआ कफ निकल जाता है और वहां के कीड़े भी झड जाते है .
- इसके पत्तों को पीसकर लगाने से फोड़े फुंसी और गांठ तक ठीक हो जाती है .
- इसकी जड़ को कमर में धागे से बाँध देने से प्रसव सुख पूर्वक हो जाता है . प्रसव के बाद इसे हटा देना चाहिए .
- ज़हरीले कीड़े काटने पर इसके पत्तों को पीसकर लगा देने से आराम मिलता है .
- गर्भ धारण के लिए इसकी १० ग्राम पत्तियाँ या जड़ को गाय के दूध के साथ ४ दिन सुबह ,दोपहर और शाम में ले . यह प्रयोग अधिकतर तीन बार करे .
- इसकी ५-१० ग्राम जड़ को पानी के साथ घोलकर लेने से पथरी निकल जाती है .
- अपामार्ग क्षार या इसकी जड़ श्वास में बहुत लाभ दायक है .
- इसकी जड़ के रस को तेल में पका ले . यह तेल कान के रोग जैसे बहरापन , पानी आना आदि के लिए लाभकारी है .
- इसकी जड़ का रस आँखों के रोग जैसे फूली , लालिमा , जलन आदि लिए अच्छा होता है .
- इसके बीज चावल की तरह दीखते है , इन्हें तंडुल कहते है . यदि स्वस्थ व्यक्ति इन्हें खा ले तो उसकी भूख -प्यास आदि समाप्त हो जाती है . पर इसकी खीर उनके लिए वरदान है जो भयंकर मोटापे के बाद भी भूख को नियंत्रित नहीं कर पाते .
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