खतरनाक बैक्टीरिया पनपने में मदद करती है ई-सिगरेट
वाशिंगटन। आम धूमपान के स्वस्थ विकल्प के तौर पर पेश ई-सिगरेट दवा-प्रतिरोधी और जीवन के लिए खतरनाक बैक्टीरिया के विषैलेपन की वृद्धि में मदद सकती है, जबकि मानव कोशिकाओं की इन सुपरबग को मारने की क्षमता घट सकती है। वीए सैन डिएगो हेल्थकेयर सिस्टम (वीएएसडीएचएस) और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया के शोधकर्ताओं ने ई-सिगरेट के प्रभाव का जीवित मेथिसिलिन रेजिसटेंट स्टेफिलोकोकस ऑरियस (एमआरएसए) और मानव उपकला कोशिकाओं पर परीक्षण किया। प्रमुख जांचकर्ता लौरा ई क्रोटी एलेक्जेंडर ने बताया कि ई-सिगरेट वेपोर से एमआरएसए के विषैलेपन में वृद्धि देखी गई। हालांकि उन्होंने कहा कि वेपोर सिगरेट की तरह बैक्टीरिया को आक्रमक नहीं बनाती है।
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धूम्रपानकर्ताओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली इलेक्ट्रानिक सिगरेट का संबंध एक साल बाद धूम्रपान को छोड़ने या सिगरेट पीने में कमी लाने से नहीं होता। यह दावा एक नए शोध में किया गया है।प्रमुख शोधकर्ता और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के राशेल ए ग्राना ने कहा कि ई-सिगरेट को धूम्रपान की लत छुड़वाने वाले उपकरण के तौर पर प्रचारित किया जाता है, लेकिन उसके प्रभावों पर किए गए शोध दुविधा में डालने वाले हैं।शोधकर्ताओं ने धूम्रपान करने वाले 949 लोगों से एकत्रित आंकड़ों का विश्लेषण किया कि क्या ई-सिगरेट का संबंध धूम्रपान को छोड़ने या सिगरेट की कम खपत करने से है? शोधकर्ताओं ने पाया कम शिक्षित महिलाएं, युवा और वयस्क लोग ई-सिगरेट का ज्यादा उपयोग करते हैं।शोधकर्ताओं के मुताबिक ई-सिगरेट का धूम्रपान को एक साल या उसके बाद छोड़ने से कोई संबंध नहीं है। हमारे आंकड़ें इस बात के साक्ष्य हैं कि ई-सिगरेट के उपयोग से धूम्रपान को छोड़ने की दर में वृद्धि नहीं होती।
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वाशिंगटन। आम धूमपान के स्वस्थ विकल्प के तौर पर पेश ई-सिगरेट दवा-प्रतिरोधी और जीवन के लिए खतरनाक बैक्टीरिया के विषैलेपन की वृद्धि में मदद सकती है, जबकि मानव कोशिकाओं की इन सुपरबग को मारने की क्षमता घट सकती है। वीए सैन डिएगो हेल्थकेयर सिस्टम (वीएएसडीएचएस) और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया के शोधकर्ताओं ने ई-सिगरेट के प्रभाव का जीवित मेथिसिलिन रेजिसटेंट स्टेफिलोकोकस ऑरियस (एमआरएसए) और मानव उपकला कोशिकाओं पर परीक्षण किया। प्रमुख जांचकर्ता लौरा ई क्रोटी एलेक्जेंडर ने बताया कि ई-सिगरेट वेपोर से एमआरएसए के विषैलेपन में वृद्धि देखी गई। हालांकि उन्होंने कहा कि वेपोर सिगरेट की तरह बैक्टीरिया को आक्रमक नहीं बनाती है।
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धूम्रपानकर्ताओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली इलेक्ट्रानिक सिगरेट का संबंध एक साल बाद धूम्रपान को छोड़ने या सिगरेट पीने में कमी लाने से नहीं होता। यह दावा एक नए शोध में किया गया है।प्रमुख शोधकर्ता और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के राशेल ए ग्राना ने कहा कि ई-सिगरेट को धूम्रपान की लत छुड़वाने वाले उपकरण के तौर पर प्रचारित किया जाता है, लेकिन उसके प्रभावों पर किए गए शोध दुविधा में डालने वाले हैं।शोधकर्ताओं ने धूम्रपान करने वाले 949 लोगों से एकत्रित आंकड़ों का विश्लेषण किया कि क्या ई-सिगरेट का संबंध धूम्रपान को छोड़ने या सिगरेट की कम खपत करने से है? शोधकर्ताओं ने पाया कम शिक्षित महिलाएं, युवा और वयस्क लोग ई-सिगरेट का ज्यादा उपयोग करते हैं।शोधकर्ताओं के मुताबिक ई-सिगरेट का धूम्रपान को एक साल या उसके बाद छोड़ने से कोई संबंध नहीं है। हमारे आंकड़ें इस बात के साक्ष्य हैं कि ई-सिगरेट के उपयोग से धूम्रपान को छोड़ने की दर में वृद्धि नहीं होती।
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