
- यह मूत्रल (डायूरेटीक), तनावमुक्त करनेवाली (सेडेटिव) और पित्त को बाहर निकालनेवाली औषधि है।
-हृदय रोग में, एक कप लौकी के रस में थोडी सी काली मिर्च, पुदीना डालकर पीने से हृदय रोग ठीक होता है।
-जूस निकालकर नींबू के रस में मिलाकर एक गिलास की मात्रा में सुबह सुबह-प्राकृतिक एल्कलाएजर पेशाब की जलन में।
- डायरिया के मरीज को लौकी का जूस हल्के नमक और चीनी के साथ मिलकर दिया जाय-प्राकृतिक जीवन रक्षक घोल।
-लौकी में श्रेष्ठ किस्म का पोटैशियम मिलता है, जिसकी वजह से यह गुर्दे के रोगों में उपयोगी है और इससे पेशाब आता है।
-लौकी के बीज का तेल कोलेस्ट्रोल कम करता है तथा हृदय को शक्ति देता है। यह रक्त की नाड़ियों को भी स्वस्थ बनाता है।
-लौकी का रस मिर्गी और अन्य तंत्रिका तंत्र से सम्बंधित बीमारियों में भी फायदेमंद है।
-एसिडीटी,पेट क़ी बीमारियों एवं अल्सर से हों परेशान, तो न घबराएं बस लौकी का रस है इसका समाधान।
-पर्याप्त मात्रा में लौकी क़ी सब्ज़ी का सेवन पुराने से पुराने कब्ज को भी दूर कर देता है।
सावधानी - जूस निकालने से पहले लौकी का एक छोटा टुकड़ा काटकर उसे चख लेना चाहिए। अगर वह कड़वा हो तो लौकी का किसी भी रूप में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
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