Tuesday, September 6, 2016
Wednesday, August 31, 2016
7 Gross Foods You're Eating Without Knowing It
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© NARIKAN/SHUTTERSTOCK
7 Foods You're Eating Without Knowing It
Unfortunately, gross food has become the norm in most supermarkets, with packaged food ingredient lists reading more like chemistry homework than something you'd want your family to eat.
Flame retardant-laced soda
The toxic flame retardant chemical brominated vegetable oil, or BVO, was initially used to keep plastics from catching on fire. For decades, the food industry has been adding it to certain sodas, juices, and sports drinks, including Mountain Dew, Fanta Orange, Sunkist Pineapple, and some Gatorade and Powerade flavors. BVO's purpose is to keep the artificial flavoring chemicals from separating from the rest of the liquids—but scientists have linked too much BVO to bromide poisoning symptoms like skin lesions, memory loss, and nerve disorders.
Paint chemical in salad dressing![]() Titanium dioxide is a component of the metallic element titanium, a mined substance that is sometimes contaminated with toxic lead. Commonly used in paints and sunscreens, big food corporations add it to lots of things we eat, too, including processed salad dressing, coffee creamers, and icing. The food industry adds it to hundreds of products to make dingy, overly processed items appear whiter. "White has long been the symbolic color of clean," explains food industry insider Bruce Bradley, who shares the tricks, traps, and ploys of big food manufacturers on his blog, BruceBradley.com. Maggoty mushrooms![]() |
Cloned cow's stomach
SMEREKA/SHUTTERSTOCK
Flesh-eating bacteria
Photograph by LEIGH PRATHER/SHUTTERSTOCK
Herbicide-flavored food
Photograph by DEFOTOBERG/SHUTTERSTOCK
Glyphosate, the active chemical ingredient in the popular weed killer, Roundup, is a hormone-disrupting chemical now used primarily on corn and soy crops genetically engineered to withstand a heavy dousing of the chemical. Roundup is so heavily used around homes and in farm fields that it's now being detected in streams, the air, and even rain. Because it's a systemic herbicide, it's actually taken up inside the plant—meaning we eat it—and it's legally allowed in our food and in an amount that worries scientists. It's found in most nonorganic packaged foods because most contain corn- or soy-derived ingredients, the crops that are most often heavily doused with Roundup. Glyphosate exposure is linked to obesity, learning disabilities, birth defects, infertility, and potentially irreversible metabolic damage. To avoid pesticides in products, eat organic and avoided processed foods as much as possible. And use caution—"all natural" foods often are chockfull of pesticides and genetically engineered ingredients.
Beaver anal gland juice
11 Back-to-School Lunches That Nutritionists Give Their Kids
Fresh meat
Order the water—but you may want to hold the citrus. In a study published in the Journal of Environmental Health, researchers tested 76 lemons from 21 restaurants and found that 70% of them were contaminated with bacteria. Ick. The Family Health Team at the Cleveland Clinic recommends that unless you actually see the bartender prepare your lemon wedge safely—meaning, she’s wearing gloves and using tongs—stick to plain H2O. Save the lemon water trend for home, when you can be sure your lemons are properly washed
Health and Nutrition
Monday, August 1, 2016
Homeopathic meds for snake bite
दोस्तो सबसे पहले साँपो के बारे मे एक महत्वपूर्ण बात आप ये जान लीजिये ! कि अपने देश भारत मे 550 किस्म के साँप है ! जैसे एक cobra है ,viper है ,karit है ! ऐसी 550 किस्म की साँपो की जातियाँ हैं ! इनमे से मुश्किल से 10 साँप है जो जहरीले है सिर्फ 10 ! बाकी सब non poisonous है! इसका मतलब ये हुआ 540 साँप ऐसे है जिनके काटने से आपको कुछ नहीं होगा !! बिलकुल चिंता मत करिए !
लेकिन साँप के काटने का डर इतना है (हाय साँप ने काट लिया ) और कि कई बार आदमी heart attack से मर जाता है !जहर से नहीं मरता cardiac arrest से मर जाता है ! तो डर इतना है मन मे ! तो ये डर निकलना चाहिए !
वो डर कैसे निकलेगा ????
जब आपको ये पता होगा कि 550 तरह के साँप है उनमे से सिर्फ 10 साँप जहरीले हैं ! जिनके काटने से कोई मरता है ! इनमे से जो सबसे जहरीला साँप है उसका नाम है !
russell viper ! उसके बाद है karit इसके बाद है viper और एक है cobra ! king cobra जिसको आप कहते है काला नाग !! ये 4 तो बहुत ही खतरनाक और जहरीले है इनमे से किसी ने काट लिया तो 99 % chances है कि death होगी !
लेकिन अगर आप थोड़ी होशियारी दिखाये तो आप रोगी को बचा सकते हैं
होशियारी क्या दिखनी है ???
आपने देखा होगा साँप जब भी काटता है तो उसके दो दाँत है जिनमे जहर है जो शरीर के मास के अंदर घुस जाते हैं ! और खून मे वो अपना जहर छोड़ देता है ! तो फिर ये जहर ऊपर की तरफ जाता है ! मान लीजिये हाथ पर साँप ने काट लिया तो फिर जहर दिल की तरफ जाएगा उसके बाद पूरे शरीर मे पहुंचेगा ! ऐसे ही अगर पैर पर काट लिया तो फिर ऊपर की और heart तक जाएगा और फिर पूरे शरीर मे पहुंचेगा ! कहीं भी काटेगा तो दिल तक जाएगा ! और पूरे मे खून मे पूरे शरीर मे उसे पहुँचने मे 3 घंटे लगेंगे !
मतलब ये है कि रोगी 3 घंटे तक तो नहीं ही मरेगा ! जब पूरे दिमाग के एक एक हिस्से मे बाकी सब जगह पर जहर पहुँच जाएगा तभी उसकी death होगी otherwise नहीं होगी ! तो 3 घंटे का time है रोगी को बचाने का और उस तीन घंटे मे अगर आप कुछ कर ले तो बहुत अच्छा है !
क्या कर सकते हैं ?? ???
एक medicine आप चाहें तो हमेशा अपने घर मे रख सकते हैं बहुत सस्ती है homeopathy मे आती है ! उसका नाम है NAJA (N A J A ) ! homeopathy medicine है किसी भी homeopathy shop मे आपको मिल जाएगी ! और इसकी potency है 200 ! आप दुकान पर जाकर कहें NAJA 200 देदो ! तो दुकानदार आपको दे देगा ! ये 5 मिलीलीटर आप घर मे खरीद कर रख लीजिएगा 100 लोगो की जान इससे बच जाएगी ! और इसकी कीमत सिर्फ पाँच रुपए है ! इसकी बोतल भी आती है 100 मिलीग्राम की 70 से 80 रुपए की उससे आप कम से कम 10000 लोगो की जान बचा सकते हैं जिनको साँप ने काटा है !
और ये जो medicine है NAJA ये दुनिया के सबसे खतरनाक साँप का ही poison है जिसको कहते है क्रैक ! इस साँप का poison दुनिया मे सबसे खराब माना जाता है ! इसके बारे मे कहते है अगर इसने किसी को काटा तो उसे भगवान ही बचा सकता है ! medicine भी वहाँ काम नहीं करती उसी का ये poison है लेकिन delusion form मे है तो घबराने की कोई बात नहीं ! आयुर्वेद का सिद्धांत आप जानते है लोहा लोहे को काटता है तो जब जहर चला जाता है शरीर के अंदर तो दूसरे साँप का जहर ही काम आता है !
तो ये NAJA 200 आप घर मे रख लीजिये !अब देनी कैसे है रोगी को वो आप जान लीजिये !
1 बूंद उसकी जीभ पर रखे और 10 मिनट बाद फिर 1 बूंद रखे और फिर 10 मिनट बाद 1 बूंद रखे !! 3 बार डाल के छोड़ दीजिये !बस इतना काफी है !
और कि ये दवा रोगी की जिंदगी को हमेशा हमेशा के लिए बचा लेगी ! और साँप काटने के एलोपेथी मे जो injection है वो आम अस्तप्तालों मे नहीं मिल पाते ! डाक्टर आपको कहेगा इस अस्तपाताल मे ले जाओ उसमे ले जाओ आदि आदि !!
और जो ये एलोपेथी वालो के पास injection है इसकी कीमत 10 से 15 हजार रुपए है ! और अगर मिल जाएँ तो डाक्टर एक साथ 8 से -10 injection ठोक देता है ! कभी कभी 15 तक ठोक देता है मतलब लाख-डेड लाख तो आपका एक बार मे साफ !! और यहाँ सिर्फ 10 रुपए की medicine से आप उसकी जान बचा सकते हैं !
और injection जितना effective है मैं इस दवा(NAJA) की गारंटी लेता हूँ ये दवा एलोपेथी के injection से 100 गुना (times) ज्यादा effective है !
तो अंत आप याद रखिए घर मे किसी को साँप काटे और अगर दवा(NAJA) घर मे न हो ! फटाफट कहीं से injection लेकर first aid (प्राथमिक सहायता) के लिए आप injection वाला उपाय शुरू करे ! और अगर दवा है तो फटाफट पहले दवा पिला दे और उधर से injection वाला उपचार भी करते रहे !
दवा injection वाले उपचार से ज्यादा जरूरी है !!
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तो ये जानकारी आप हमेशा याद रखे पता नहीं कब काम आ जाए हो सकता है आपके ही जीवन मे काम आ जाए ! या पड़ोसी के जीवन मे या किसी रिश्तेदार के काम आ जाए! तो first aid के लिए injection की सुई काटने वाला तरीका और ये NAJA 200 hoeopathy दवा ! 10 – 10 मिनट बाद 1 – 1 बूंद तीन बार
रोगी की जान बचा सकती है !!
Saturday, July 9, 2016
सहजन (मुनुगा) , munga , sahjan
Friday, July 8, 2016
परिजात (हरसिंगार ) के प्रयोग से बीस साल पुराना गठिया का दर्द ठीक हो जाता है
Monday, May 23, 2016
ब्रेड, बन, बर्गर खाने से हो सकता है कैंसर
आज घर में आज सुबह के नास्ते में ब्रेड को एक सरल भोज्य के रूप में देखा जाता है। इसे आसान, सुविधाजनक, पौष्टिक और स्वादिष्ट माना जाता है. खासतौर पर अकेले रहने वाले लोगों के लिए तो इसे एक वरदान जैसा है। लेकिन यह सरल सा दिखने वाला नास्ता क्या हमारे शारीर में विपरीत प्रभाव तो नही डाल रहा यह हम कभी नही सोचते।
सावधान हो जाये क्यूँकी, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की एक स्टडी से पता चलता है कि, सरलता से मिलने वाला ब्रेड हमारे शारीर को भीतर ही भीतर खोखला कर असाध्य रोग कैंसर के लक्षण पैदा कर रहा है।
ब्रेड बनता तो गेहूँ से ही है जिससे आटा भी बनता है और रोटी तो हम रोज ही खाते है फिर मात्र ब्रेड से ही कैंसर कैसे?
प्रश्न उपयुक्त है लेकिन हानिकारक तत्व गेहूँ में नही होते और ना ही आटे में, बल्कि ब्रेड बनाने के लिए प्रयोग होने वाले केमिकल्स में है। ब्रेड बनाने में प्रयोग होने वाले केमिकल्स विश्व के बहुत से देशों में तो बहुत पहले प्रतिबंधित किए जा चुके हैं।
ब्रेड बनाने के लिए मुख्य रूप से पोटाशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट का प्रयोग होता है। पोटैशियम ब्रोमेट वह केमिकल है जिसके लगातार शरीर में जाने से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह पोटाशिम आयोडाइड से थायराइड से संबंधित दिक्कतें होती हैं। पोटैशियम ब्रोमेट पेट के कैंसर और किडनी की पथरी जैसी बीमारियों से भी जुड़ा हुआ है। इसके खाने से थायराइड ग्लैंड में गड़बड़ी होने लगती है। चूंकि ब्रेड एक ऐसी चीज है जिसे लोग और बच्चे भी लगातार रोज खाते हैं। इसीलिए इस से होने वाले खतरे को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
अब प्रश्न ये उठता है कि, अगर यह केमिकल इतने खतरनाक है तो ब्रेड बनाने वाली कंपनियां इसका प्रयोग क्यों करती है ? कंपनियां ब्रेड बनाने वाले मैदे में इन केमिकल्स को इसलिए मिलाती है, जिससे ब्रेड सफेद और मुलायम होता है। साथ ही बेहतर ढंग से फूलता है।
हानिकारक केमिकल्स के बारे में ब्रेड की जांच करने पर यह बात भी पता चली कि, ज्यादा सफेद और मुलायम दिखने वाले ब्रेड ज्यादा खतरनाक हैं। वहीं आटे से बनी ब्राउन ब्रेड और मल्टी ग्रेन ब्रेड में हानिकारक केमिकल्स की मात्रा कम पाई गई।
भारत में अभी भी पोटाशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट प्रयोग सरलता से हो रहा है। विश्व के कई देशों में ब्रेड और बेकरी की अन्य चीज बनाने में इन केमिकल्स के प्रयोग पर पहले ही प्रतिबन्ध लग चुका है।
पोटाशियम ब्रोमेट और पोटैशियम आयोडेट के प्रयोग में अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, चीन, श्रीलंका, ब्राजील, नाइजीरिया, पेरू और कोलंबिया आदि पूर्ण प्रतिबंध है।
जबकि भारत में खाने-पीने की चीजों पर निगरानी रखने वाली संस्था FSSAI इस मामले में अभी तक आंखें मूंद रखी हैं। और ना ही किसी तरह की चेतावनी देती नजर आती है। जिससे भारत में कई विषाक्त कैमिकल का प्रयोग भोज्य पदार्थो में किया जा रहा है।
ब्रेड में विषाक्त कामिकल और उसके दुष्परिणामो की स्टडी में मुख्य भूमिका निभाने वाले सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट के चंद्रभूषण बताते है कि, एक नहीं बल्कि सभी रिसर्च यह प्रमाणित हो चुका है की पोटैशियम ब्रोमेट पेट के कैंसर और किडनी की पथरी जैसी बीमारियों से जुड़ा हुआ है। इसी तरह से ब्रेड में पोटाशियम आयोडेट होने से शरीर में जरूरत से ज्यादा आयोडीन चला जाता है।
चंद्रभूषण बताते हैं कि, उनकी जांच के लिए सैंपल सिर्फ दिल्ली से उठाए गए थे, लेकिन हालत पूरे देश में लगभग एक जैसे ही हैं। क्योंकि ब्रेड बनाने वाली ज्यादातर कंपनियां पूरे देश में एक जैसा ब्रेड ही सप्लाई करती हैं।
अधिकतर कंपनियां ब्रेड के पैकेट पर यह लिखती तक नहीं है कि, वह अपने ब्रेड में पोटाशियम ब्रोमेट और पोटासियम आयोडेट का प्रयोग करती हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि, उन्हें ब्रेड के बारे में इस स्टडी की जानकारी दी गई है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। इस पूरे मामले की जांच करने के बाद सरकार इस बारे में जरूरी कदम उठाएगी।
सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट ने जांच के लिए दिल्ली में भिन्न भिन्न स्थानों से ब्रेड के 38 सैंपल उठाए थे। इन सैंपलो में ब्रिटेनिया, हार्वेस्टर गोल्ड, इंग्लिश ओवन, परफेक्ट प्रीमियम जैसे लोकप्रिय ब्रांड थे। और स्टडी में इनके ब्रेड में भी यह केमिकल पाए गए।
इस स्टडी के अनुसार मात्र ब्रेड ही नही बल्कि तमाम फास्ट फूड और बर्गर की लोकप्रिय ब्रांड के बन और बर्गर में भी यह हानिकारक कैमिकल पाए गए है।
Saturday, May 14, 2016
Traditional Indian Medicines Used for the Management of Diabetes Mellitus
Traditional Indian Medicines Used for the Management of Diabetes Mellitus
2. Indian Medicinal Plants with Antidiabetic Potential
2.1. Ficus religiosa
2.2. Eugenia jambolana
2.3. Momordica charantia
2.4. Ocimum sanctum
2.5. Pterocarpus marsupium
2.6. Trigonella foenum-graecum
2.7. Gymnema sylvestre
2.8. Allium sativum
WARNING! MORE THAN 40 Foods never eat -coming from China
1-Corn- corn from China. Some producers add sodium cyclamate to their corn. The purpose of this additive is to preserve the yellow color of...
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DANGSHEN BELLFLOWER Common name: Dangshen Bellflower, Poor man’s ginseng Botanical name: Codonopsis pilosula Family: Campan...
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Continuation from earlier article- Myth of cholesterol and heart disease Most of us love ghee. But we have a problem. We’re told that gh...
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1-Corn- corn from China. Some producers add sodium cyclamate to their corn. The purpose of this additive is to preserve the yellow color of...