Friday, December 19, 2014

करौंदा-

Photo: करौंदा-
            करौंदे के विषय में हम सब जानते हैं | इसके कच्चे फल खट्टे होते हैं तथा पके हुए फल कुछ मीठे होते हैं | इसकी हमेशा हरी-भरी रहने वाली झाड़ी  होती है| इसके कंटक अत्यंत तीक्ष्ण तथा मजबूत होते हैं | आयुर्वेदीय संहिताओं में दो प्रकार के करौंदों का वर्णन प्राप्त होता है (१)करौंदा तथा (२)करौंदी | करौंदे के फल पकने के बाद काले पड़ जाते हैं इसलिए इनको कृष्णपाक फल कहते हैं | आइये जानते हैं करौंदे के कुछ औषधीय प्रयोगों के विषय में -

१- करौंदे के फल की चटनी बनाकर खाने से मसूड़ों के रोग मिटते हैं | 

२- पांच मिलीलीटर करौंदा पत्र स्वरस में शहद मिलाकर चटाने से सूखी खांसी में लाभ होता है | 

३- करौंदे के पके हुए फलों को खाने से अरुचि तथा पित्त विकारों में लाभ होता है | 

४- जलोदर के रोगी को करौंदे के पत्तों का स्वरस पहले दिन ५  मिली,दुसरे दिन १० मिली,इस तरह प्रतिदिन ५-५ मिली बढ़ाते हुए ५० मिली तक सेवन कराएं तथा पुनः घटाते हुए ५ मिली तक प्रयोग करें| इस प्रकार नित्य प्रातःकाल पिलाने से जलोदर में लाभ होता है | 

५- पांच ग्राम करौंदे के पत्तों को पीसकर दही के साथ मिलाकर खिलाने से मिर्गी में लाभ होता है |    

६- करौंदे के बीजों को पीसकर पैरों पर लगाने से बिवाई (पैरों का फटना ) में लाभ होता है |#watchAasthaChannel5amTo8amकरौंदा-
करौंदे के विषय में हम सब जानते हैं | इसके कच्चे फल खट्टे होते हैं तथा पके हुए फल कुछ मीठे होते हैं | इसकी हमेशा हरी-भरी रहने वाली झाड़ी होती है| इसके कंटक अत्यंत तीक्ष्ण तथा मजबूत होते हैं | आयुर्वेदीय संहिताओं में दो प्रकार के करौंदों का वर्णन प्राप्त होता है (१)करौंदा तथा (२)करौंदी | करौंदे के फल पकने के बाद काले पड़ जाते हैं इसलिए इनको कृष्णपाक फल कहते हैं | आइये जानते हैं करौंदे के कुछ औषधीय प्रयोगों के विषय में -

१- करौंदे के फल की चटनी बनाकर खाने से मसूड़ों के रोग मिटते हैं |

२- पांच मिलीलीटर करौंदा पत्र स्वरस में शहद मिलाकर चटाने से सूखी खांसी में लाभ होता है |

३- करौंदे के पके हुए फलों को खाने से अरुचि तथा पित्त विकारों में लाभ होता है |

४- जलोदर के रोगी को करौंदे के पत्तों का स्वरस पहले दिन ५ मिली,दुसरे दिन १० मिली,इस तरह प्रतिदिन ५-५ मिली बढ़ाते हुए ५० मिली तक सेवन कराएं तथा पुनः घटाते हुए ५ मिली तक प्रयोग करें| इस प्रकार नित्य प्रातःकाल पिलाने से जलोदर में लाभ होता है |

५- पांच ग्राम करौंदे के पत्तों को पीसकर दही के साथ मिलाकर खिलाने से मिर्गी में लाभ होता है |

६- करौंदे के बीजों को पीसकर पैरों पर लगाने से बिवाई (पैरों का फटना ) में लाभ होता है 

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