Monday, April 14, 2014

GINGER/ अदरख - Helps fight cancer

अदरख:कैंसर रोगियों के लिये एक बेहतरीन औषधि !

आयुर्वेद महान है यह बात अकाट्य सत्य है ,क्यूंकि यह ज्ञान ऋषियों -आचार्यों एवं संहिताकारों की विद्वता से सदैव पुष्पित एवं पल्लवित होता रहा हैI आयुर्वेद में वर्णित चिकित्सा के सिद्धांत जितने शाश्वत हैं उतने ही शास्त्रोक्त औषधियों के गुण धर्म भी ,बस फर्क इतना है कि जिन बातों को हम आज के वैज्ञानिक शोध द्वारा प्रमाणित कर रहे हैं, वे शायद सदियों पूर्व ही हमारे आचार्यों की दिव्य नजरिये से पुष्ट थी। चलिये कहीं आप इसे मेरी अतिशयोक्ति न समझ लें ,लेकिन मैंने इसके कई प्रमाण अपने लेखों के माध्यम से प्रस्तुत किये हैं और आज इसी कड़ी में एक नये शोध को जोड़ने जा रहा हूँI एक छोटा सा उदाहरण पुनः आपके समक्ष प्रस्तुत करने जा रहा हूँ Iआप और मैं से शायद ही कोई हो जिसने आयुर्वेद के माधयम से अदरख के गुणों को नहीं जाना हो। चाहे हो सूखी खांसी या हो भूख न लगने की समस्या ,कहीं न कहीं यह किसी न किसी रूप में यह हमारे स्वास्थ्य से सम्बंध तो रखता ही है..सूखे स्वरुप में सौंठ (शुंठी ) से बेहतर इसका उदाहरण कोई हो ही नहीं सकता हैI अब आप मिशिगन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के नए शोध को ही ले लीजिये, जो इस बात को साबित कर रहा है कि अदरख की जड़ महज ओवेरियन कैंसर कोशिकाओं को ही नष्ट नहीं करती बल्कि यह बगैर दुष्प्रभाव के प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं को भी नष्ट करती है ,यानि ओवेरियन एवं प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित रोगियों के लिए जीरो दुस्प्रभाव वाली कीमोथेरैपी ! है न मजे की बात Iयह शोध हाल ही में अमेरीकन एसोसिएशन फार कैंसर रिसर्च के एक सत्र में प्रस्तुत किया गया है Iसबसे कमाल की बात यह है कि जब भी कैंसर कोशिकाओं का सामना अदरख के चूर्ण से कराया गया ,ये कोशिकाएं नष्ट होती चली गयी,वैज्ञानिक भाषा में इसे ‘एपोपटोसिस’ यानिकोशिकाओं की आत्महत्या कहा जाता है, इतना ही नहीं अदरख की मौजूदगी भर से ये कैंसर कोशिकाएं एक दूसरे का भक्षण करने लग गयीं जिसे विज्ञान की भाषा में ‘आटोफ़ेगी’ नाम दिया जाता है ,मतलब यह हुआ कि ओवेरियन एवं प्रोस्टेट कैंसर पीड़ित रोगियों के लिए अदरख एक प्राकृतिक कीमोथेरेप्यूटिक एजेंट का कार्य करता है Iब्रिटिश जर्नल आफ न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक अन्य अमेरीकी शोध के अनुसार अदरख का एक्सट्रेक्ट प्रोस्टेट ट्यूमर के आकार को 56 % तक कम कर देता है ,सबसे खूबसूरत पहलू यह है कि यदि कहीं रोगी धोखे से इसकी अधिक मात्रा भी प्रयोग कर ले तो अन्य कीमोथेरेप्यूटिक दवाओं की तरह घातक परिणामों का कोई ख़तरा नहीं है I मेरा यह मानना है कि वह दिन दूर नहीं जब दुनिया भर में प्रोस्टेट एवं ओवेरियन कैंसर पीड़ित रोगियों के लिए अदरख एक बेहतर कीमोथेरेप्यूटिक विकल्प के रूप में सामने होगा I

No comments:

Post a Comment

WARNING! MORE THAN 40 Foods never eat -coming from China

 1-Corn- corn from China. Some producers add sodium cyclamate to their corn. The purpose of this additive is to preserve the yellow color of...